कहानियॉं
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दो लड्डू और पंद्रह अगस्त
कई साल बीत गए बोलते हुए गांधी जी की जय। वह वर्षों से देखता आ रहा है, स्कूल, तहसील और…
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बिट्टो
बीना स्टेशन। स्वर्णजयंती एक्सपे्रस। २७ जुलाई २०११। सार्थक ग्वालियर से भोपाल जा रहा था। उसकी भोपाल में पोस्टिंग हो गई थी।…
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आनंद
टिक… टिक… टिक…. घड़ी की सुइयां भी इतने धीमे चल रही हैं लगता है इन्हें जंग लग गई है। कितनी…
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कुंआरा करवाचौथ
कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की पंचमी का दिन था। यानी करवाचौथ के एक दिन बाद। सुबह के करीब ११…
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मेरा आसमान
पिताजी बेहद सख्त हैं। नारियल की तरह कठोर। अंतर्मन से नरम हैं या नहीं, कह नहीं सकता, क्योंकि कभी पिताजी…
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जातिभेद मिटाता रेल का सामान्य डिब्बा और संघ
– लोकेन्द्र सिंह ‘ट्रेन के सफर में एक बेहद खास बात है, जिसे हमें अपने असल जीवन में भी चरितार्थ करना चाहिए-…
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ये चाय बहुत खास है
भारत में कुछ बुद्धिजीवियों ने गाय को विवाद विषय बना दिया है, जबकि गाय तो प्रेम और वात्सल्य की मूर्ति…
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